A Simple Key For sidh kunjika Unveiled



पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।

गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।

देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्

गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति ।

धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।

क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।

aiṃ hrīṃ klīṃ chāmuṇḍāyai vichchē jvala haṃ saṃ laṃ kṣaṃ phaṭ more info svāhā ॥ five ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.

श्री मनसा देवी स्तोत्रम् (महेंद्र कृतम्)

ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

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